दोस्तो क्या आप कक्षा नवी या कक्षा दशवी में पड़ते है और आपको आपके परीक्षा में या फिर छूटी मगने के लिए Aupacharik Patra Format में लिखना पड़ता है ।अगर आप कही सरकारी नौकरी या किसी नौकरी के इंटरव्यू के लिए जाते है तो आपसे औपचारिक पत्र लिखने हिंदी या औपचारिक पत्र के संबंध में बहुत सारे सवाल आपसे पूछे जाते है। इस आर्टिकल में हम आपको Format Of Formal Letter in Hindi यानि Aupcharik Patra Format के बारे में पूरी जानकारी देंगे जिसके लिए आपको ये अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
अगर आपको Aupcharik Patra Lekhan नही आता है तो हम इस आर्टिकल में Aupcharik Patra Lekhan in Hindi Class 9, Aupcharik Patra Lekhan in Hindi Class 10 या Formal Letter in Hindi To Principal को कैसे लिखे जाते है ? हम आपको पूरी तरह स्टेप के जरिए समझाएंगे।
औपचारिक पत्र क्या होता है ? What is Formal Letter in Hindi?
औपचारिक पत्र उन्हें लिखा जाता है जिससे हमारा कोई नजदीकी रिश्ता न हो। यह व्यवसाय से संबंधि, प्रधानाचार्य को लिखे प्राथना पत्र, आवेदन पत्र, सरकारी विभाग को लिखे गए पत्र, सपादक के नाम पत्र आदि औपचारिक पत्र कहलाते है।यह आपके लिए एक परिचय है क्युकी जिसके लिए आप लिख रहे है आप उनके लिए अजनबी है।
औपचारिक पत्र को हम अपने जीवन में कही न कही जरूर उपयोग करते है चाहे वो स्कूल में प्रधानाचार्य जी से छूटी मगाने के लिए या फिर कार्यालय के लिए। औपचारिक पत्र हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण है।
आज कल के पीढ़ी में नए नए तकनीक आ गए है ।जैसे इंटरनेट, वाइस मेल, ईमेल जैसे बहुत सारे तकनीक आ गए है जिसके वजह से हम पत्र लिखना भूल गए है हम अपने विचार को भूल गए है।
पत्र के प्रकार | Types Of Letter
हमने आपको औपचारिक पत्र के बारे में तो बता दिया लेकिन उससे पहले आपको पत्र कितने प्रकार के होते है ये जानना जरुर है ।पत्र को मुख्य दो रूप में बता गया है।
- अनौपचारिक पत्र (Informal Letter)
- औपचारिक पत्र (Formal Letter)
Communication Meaning in Hindi| Communication क्या है ?
Informal Letter (अनौपचारिक पत्र)
अनौपचारिक पत्र में व्यक्तिगत ,पारिवारिक अदि जैसे तत्वों को शामिल किया गया है। अनौपचरीक पत्र (Anaupacharik Patra) में आप अपने माता -पिता या भाई बहन या चाचा -चाची अदि किसी का संबधित लोगो को लिख गए पत्र आते है।
Formal Letter (औपचारिक पत्र)
औपचारिक पत्र में कार्यालय ,राजकीय -शासकीय ,व्यापारिक ,प्रार्थना पत्र ,आवेदन पत्र ,शिकायत पत्र किसी को लिखे गए पत्र आते है।
इन जैसे पत्र में किसी व्यक्ति का निजी संबध नहीं होता है यह पत्र व्यक्तिगत चीजों ने सामिल नही होता है तथा इन पत्रों में व्यक्तिगत रूप से कोई जानकारी नहीं दी गई होती है।
Types of Formal Letter | औपचारिक पत्र के प्रकार
प्रार्थना पत्र
ऐसे पत्र जिसमें निवेदन और प्रार्थना की जाती है जैसे अवकाश के लिए प्रार्थना करना। प्रार्थना पत्र अधिकतर प्रधानाचार्य और सरकारी कार्यालयों में लिखे जाते हैं।
कार्यालय पत्र
ऐसी पत्र जिसे कामकाज या कार्यालय की शिकायत के लिए लिखे जाते हैं । जैसे बैंक मैनेजर को किसी समस्या के लिए लिखा गया पत्र वैसे पत्र कार्यालय पत्र कहा जाता है।
व्यापारिक पत्र
इस पत्र के अंतर्गत पैसे के लिए लिखे गए पत्र या समान खरीदने व बेचने के लिए पत्र। जैसे किसी व्यापारी के द्वारा किसी कंपनी में लिखा गया पत्र व्यापारिक पत्र कहलाता है।
औपचारिक पत्र में सबसे पहले क्या लिखा जाता है?
पत्र के निम्नलिखित अंग होते हैं-

भेजने का स्थान, दिनांक तथा पता
ऊपर भेजने वाले का पता एवं दिनांक लिखा जाता है। यह दाएं तरफ होता है। अगर आप को आवेदन पत्र तथा प्रार्थना पत्र लिखना है तो पता स्थान व दिनांक का उल्लेख अंत में किया जाता है।
संबोधन एवं अभिवादन
जिसे आप पत्र लिख रहे हैं उसकी उम्र उसकी योग्यता संबंध तथा पद के अनुसार संबोधन अभिवादन शब्दों का प्रयोग कर सकते हैं।
विषय वस्तु
विषय वस्तु पत्र का मुख्य भाग होता है भाग में संबंधित विषय का क्रमिक व्यवस्थित ढंग से व्यक्त किया जाता है।
समाप्ति
पत्र के अंत में। पत्र लिखने वाले का नाम, अधिकारी के अपने संबंध के अनुरूप अच्छा शब्द का प्रयोग कर के और उसके नीचे अपना हस्ताक्षर कर सकते है।
पत्र पाने वाले का पता
पत्र लिखने के बाद पोस्टकार्ड या पत्र लिखा था पर पत्र पाने वाले का नाम और पता साफ-साफ लिखा होना चाहिए इसमें पत्र पाने वाले का नाम मकान नंबर या फ्लैट नंबर ब्लॉक डाकघर का नाम जिला तथा राज्य का नाम लिखा होना चाहिए उसके साथ डाकघर का पिन कोड जरूर लिखा होना चाहिए इससे पत्र पहुंचने में कोई परेशानी नहीं होती है।